मृत्यु जीवन का एक अवश्यंभावी हिस्सा है, लेकिन यह ऐसा विषय है जिस पर हम ज्यादातर विचार करना पसंद नहीं करते। हालांकि असुविधाजनक है, लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनका बैंक खाता कैसे संभाला जाता है। कई लोग यह मानते हैं कि उनके पति/पत्नी, बच्चे या माता-पिता उनके खाते में मौजूद पैसे तक तुरंत पहुँच सकते हैं। वास्तविकता यह है कि ऐसा नहीं होता।
बैंक खातों में धनराशि जारी करने से पहले एक तय प्रक्रिया अपनाते हैं, जिसमें कानूनी सत्यापन, दस्तावेज़ और नामांकित व्यक्ति (Nominee) की जानकारी शामिल होती है। भविष्य के लिए योजना बनाना आपके परिवार के लिए समय, तनाव और भ्रम को बचा सकता है।
इस लेख में हम आपको पूरा प्रक्रिया समझाएंगे, बैंक मृत्यु के बाद खाते को कैसे संभालते हैं और आप अपने परिवार के लिए चीज़ें आसान बनाने के लिए क्या कर सकते हैं।
बैंक खाते को फ्रीज करना
जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो सबसे पहले बैंक उसका खाता फ्रीज कर देता है। यह अनधिकृत लेनदेन से बचाने के लिए किया जाता है।
जब बैंक को खातेधारक की मृत्यु की जानकारी मिलती है:
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एटीएम, चेक और नेट बैंकिंग सुविधाएँ बंद कर दी जाती हैं।
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EMI, ऑटो-डेबिट और SIP जैसी standing instructions बंद हो जाती हैं।
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धन सुरक्षित रहता है, जब तक इसे उचित व्यक्ति के नाम नहीं किया जाता।
इस फ्रीज प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी व्यक्ति खाता का दुरुपयोग न करे, लेकिन यह परिवार के लिए अस्थायी असुविधा भी पैदा कर सकता है।
नामांकित व्यक्ति (Nominee) की भूमिका
नामांकित व्यक्ति वह होता है जिसे आप अपनी मृत्यु के मामले में अपने बैंक खाते की धनराशि प्राप्त करने का अधिकार देते हैं। यह आपके पति/पत्नी, बच्चे या माता-पिता हो सकते हैं। अधिकांश बैंक खाता खोलते समय नामांकित व्यक्ति दर्ज करने का विकल्प देते हैं।
नामांकित व्यक्ति की भूमिका अक्सर गलत समझी जाती है। वे पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन वे धन के मालिक नहीं होते। वे कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए एक ट्रस्टी (trustee) के रूप में काम करते हैं और उन्हें धन वितरण उत्तराधिकार कानून या वसीयत (will) के अनुसार करना होता है।
नामांकित व्यक्ति रखने के फायदे:
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परिवार के लिए प्रक्रिया सरल बनती है।
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धन जारी करने में समय कम लगता है।
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उत्तराधिकारियों के बीच विवाद कम होता है।
महत्वपूर्ण: सुनिश्चित करें कि नामांकित व्यक्ति की जानकारी अद्यतन है और वह जिम्मेदारी निभाने के लिए विश्वसनीय है।
यदि नामांकित व्यक्ति नहीं है
यदि खाते में कोई नामांकित व्यक्ति नहीं है, तो धन जारी करने की प्रक्रिया लंबी और औपचारिक हो जाती है। कानूनी उत्तराधिकारी — आम तौर पर पति/पत्नी, बच्चे या माता-पिता — को बैंक में उचित दस्तावेज़ के साथ आवेदन करना पड़ता है।
आवश्यक दस्तावेज़ आमतौर पर इस प्रकार हैं:
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खातेधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र
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लीगल हीर सर्टिफिकेट या सक्सेशन सर्टिफिकेट (competent court द्वारा जारी)
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उत्तराधिकारियों की पहचान प्रमाण
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रिश्ते प्रमाण (relationship documents)
इन दस्तावेज़ों का सत्यापन करने के बाद बैंक धनराशि को कानूनी उत्तराधिकारियों के हिस्से के अनुसार जारी करता है।
इस प्रक्रिया में कई सप्ताह या महीनों तक लग सकते हैं। इसलिए नामांकित व्यक्ति न होने से परिवार को अनावश्यक तनाव और देरी का सामना करना पड़ सकता है।
संयुक्त (Joint) खाते
संयुक्त खाते आम तौर पर जोड़ों या माता-पिता और वयस्क बच्चों के बीच होते हैं। मृत्यु के बाद बैंक इस खाते को कैसे संभालता है, यह खाते के प्रकार पर निर्भर करता है:
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Either-or Survivor Account:
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जीवित खाता धारक खाते को संचालित कर सकता है।
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तुरंत धन का उपयोग किया जा सकता है, कानूनी प्रक्रियाओं की आवश्यकता नहीं होती।
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Joint Account:
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खाता फ्रीज हो जाता है जब तक कानूनी प्रक्रिया पूरी नहीं होती।
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दोनों धारक मालिक माने जाते हैं, इसलिए बैंक को धन जारी करने से पहले उत्तराधिकारियों से पुष्टि चाहिए।
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बहुत लोग सुविधा और सुरक्षा के लिए Either-or Survivor विकल्प चुनते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि जीवित व्यक्ति बिना किसी बाधा के वित्तीय लेनदेन कर सके।
अप्राप्त (Unclaimed) बैंक खाते
कभी-कभी परिवार मृतक का धन तुरंत नहीं मांगता। इस स्थिति में बैंक कुछ नियमों का पालन करता है:
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दो साल की निष्क्रियता के बाद खाता इनऑपरेटिव हो जाता है।
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10 साल बाद, शेष राशि को “अप्राप्त जमा” (Unclaimed Deposit) के रूप में RBI के DEA Fund में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
यदि धन DEA फंड में चला गया है, तो भी परिवार इसे बाद में प्राप्त कर सकता है। आरबीआई ने अप्राप्त जमा का पता लगाने और धन वापसी के लिए आधिकारिक पोर्टल udgam.rbi.org.in बनाया है। दावा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़: मृत्यु प्रमाण पत्र, लीगल हीर सर्टिफिकेट, और पहचान प्रमाण।
फिक्स्ड डिपॉजिट और संयुक्त निवेश
फिक्स्ड डिपॉजिट (FDs) और अन्य बैंक निवेशों पर भी यही नियम लागू होते हैं:
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नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के बाद धन प्राप्त कर सकते हैं।
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Joint FD (Either-or Survivor) में जीवित व्यक्ति स्वतंत्र रूप से जमा को नवीनीकृत या समाप्त कर सकता है।
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यदि कोई नामांकित व्यक्ति नहीं है, तो कानूनी उत्तराधिकारियों को सक्सेशन सर्टिफिकेट या लीगल हीर सर्टिफिकेट देना पड़ता है।
सभी निवेशों की समीक्षा करना और नामांकित व्यक्ति की जानकारी अद्यतन रखना आवश्यक है।
परिवार के लिए प्रक्रिया आसान बनाने के उपाय
भविष्य की योजना बनाकर आप परिवार के लिए जटिलताओं को कम कर सकते हैं। कुछ व्यावहारिक कदम:
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प्रत्येक सविंग्स अकाउंट, FD और म्यूचुअल फंड के लिए नामांकित व्यक्ति दर्ज करें।
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रिकॉर्ड्स अद्यतन रखें, जैसे संपर्क जानकारी और KYC।
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परिवार को जानकारी दें कि आपके खाते और निवेश कहाँ हैं।
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सरल वसीयत (will) लिखें ताकि भ्रम और विवाद से बचा जा सके।
थोड़ी सी योजना परिवार को प्रशासनिक बाधाओं, देरी और अनावश्यक तनाव से बचा सकती है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
कर (Taxes) और ऋण (Debts)
मृत्यु के बाद बैंक खाता और निवेशों पर कर दायित्व लागू हो सकते हैं:
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मृतक से प्राप्त धन कानूनी उत्तराधिकारियों के हाथ में करयोग्य नहीं होता, लेकिन बाद में उत्पन्न आय (जैसे बचत पर ब्याज या FD पर ब्याज) कर योग्य होती है।
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यदि मृतक के पास लोन या क्रेडिट कार्ड ऋण था, तो बैंक धन जारी करने से पहले बकाया राशि वसूल सकता है।
डिजिटल खाते
आजकल लोग डिजिटल वॉलेट, UPI अकाउंट या ऑनलाइन बैंक खाते रखते हैं। इनके लिए भी योजना बनाना आवश्यक है:
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नामांकित व्यक्ति जहां संभव हो, वहाँ दर्ज करें।
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लॉगिन क्रेडेंशियल और रिकवरी विकल्प सुरक्षित रूप से दस्तावेज़ करें।
कई बैंक और खाते
यदि मृतक के पास कई बैंक खातों में धन है, तो जानकारी को व्यवस्थित करना आवश्यक है:
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सभी बैंक खातों, FDs, म्यूचुअल फंड और निवेशों की सूची बनाएँ।
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सूची में बैंक का नाम, शाखा विवरण, खाता संख्या और नामांकित व्यक्ति की जानकारी अद्यतन रखें।
मुख्य बातें
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बैंक खातेधारक की मृत्यु की जानकारी मिलने पर तुरंत खाता फ्रीज कर देता है।
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नामांकित व्यक्ति प्रक्रिया को सरल बनाता है लेकिन धन का मालिक नहीं होता।
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नामांकित व्यक्ति न होने पर कानूनी उत्तराधिकारी उचित दस्तावेज़ के साथ बैंक से धन ले सकते हैं।
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Either-or Survivor संयुक्त खाते जीवित व्यक्ति को तुरंत उपयोग की अनुमति देते हैं।
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अप्राप्त खाते अंततः RBI के DEA फंड में चले जाते हैं, लेकिन बाद में प्राप्त किए जा सकते हैं।
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FD, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेशों के लिए समान नियम लागू होते हैं।
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पूर्व योजना — नामांकित व्यक्ति दर्ज करना, दस्तावेज़ बनाए रखना और वसीयत लिखना — जटिलताओं को कम करता है।
निष्कर्ष
मृत्यु संवेदनशील विषय है, लेकिन इसके लिए वित्तीय योजना बनाना आपके परिवार के प्रति जिम्मेदारी और देखभाल का कार्य है। यह समझना कि मृत्यु के बाद आपका बैंक खाता कैसे संभाला जाता है और अपने वित्त को व्यवस्थित करना, आपके परिवार को अनावश्यक तनाव और विवाद से बचा सकता है।
नामांकित व्यक्ति दर्ज करके, कानूनी दस्तावेज़ बनाए रखकर और स्पष्ट वसीयत लिखकर आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रूप से आपके परिवार तक पहुँच जाए।
याद रखें, आज थोड़ी तैयारी करना आपके प्रियजनों के लिए सुरक्षा और मानसिक शांति का उपहार है। वित्तीय स्पष्टता केवल धन की सुरक्षा नहीं है — यह रिश्तों की रक्षा, विवाद कम करने और अपने परिवार को कठिन समय में समर्थन देने का तरीका है।

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