इनकम टैक्स : आईटीआर-2 फॉर्म में हुए ये 7 बड़े बदलाव, 1 करोड़ तक पहुंची लिमिट – टैक्सपेयर्स अब ये बातें जान लें वरना हो सकता है नुकसान!
भारत में हर आम नागरिक जो एक निश्चित सीमा से अधिक कमाई करता है, उसे इनकम टैक्स भरना जरूरी होता है। इनकम टैक्स भरने के लिए आयकर विभाग द्वारा विभिन्न आईटीआर (Income Tax Return) फॉर्म जारी किए जाते हैं। इन फॉर्म्स के जरिए टैक्सपेयर्स अपनी सालाना आय, व्यय, लाभ-हानि और अन्य वित्तीय जानकारियां सरकार को देते हैं। हाल ही में आयकर विभाग ने आईटीआर-2 (ITR-2) फॉर्म को अपडेट कर वित्त वर्ष 2024-25 के लिए जारी किया है। इस फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो मध्यम और उच्च आय वर्ग के टैक्सपेयर्स के लिए जानना बेहद जरूरी है।
इस लेख में हम सरल और आसान भाषा में ITR-2 फॉर्म से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बदलाव, इसकी पात्रता, इसका उपयोग कब और कैसे करें, और किन बातों का विशेष ध्यान रखें – इन सभी पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।
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इनकम टैक्स : आईटीआर-2 फॉर्म में हुए ये 7 बड़े बदलाव, 1 करोड़ तक पहुंची लिमिट – टैक्सपेयर्स अब ये बातें जान लें वरना हो सकता है नुकसान! |
आईटीआर-2 फॉर्म क्या है?
आईटीआर-2 फॉर्म उन व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों (HUF) के लिए होता है जिनकी आय निम्न स्रोतों से आती है:
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वेतन या पेंशन
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एक या अधिक हाउस प्रॉपर्टी से किराया
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पूंजीगत लाभ (Capital Gains) जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी बेचने से आय
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अन्य स्रोतों जैसे ब्याज या डिविडेंड
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विदेशी संपत्तियों और आय से जुड़े मामलों में भी
ध्यान दें: जिन टैक्सपेयर्स की आय व्यापार या पेशेवर सेवाओं से आती है, वे ITR-2 नहीं भर सकते। उनके लिए ITR-3 या ITR-4 उपयुक्त होता है।
कब से लागू होगा नया फॉर्म?
आयकर विभाग ने आईटीआर-2 फॉर्म को 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी घोषित किया है। यानी वित्त वर्ष 2024-25 (Assessment Year 2025-26) के लिए टैक्स भरने के इच्छुक व्यक्ति इस नए फॉर्म का उपयोग कर सकेंगे। फॉर्म का नोटिफिकेशन CBDT (Central Board of Direct Taxes) द्वारा जारी किया गया है।
किन टैक्सपेयर्स को भरना चाहिए ITR-2?
यदि आपकी स्थिति इन बिंदुओं में से किसी एक से मेल खाती है, तो आपको ITR-2 फॉर्म भरना होगा:
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आपकी आय वेतन या पेंशन से है
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आपके पास एक से अधिक घर या संपत्ति है
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आपने किसी प्रॉपर्टी, शेयर, म्यूचुअल फंड आदि को बेचकर पूंजीगत लाभ (Capital Gain) कमाया है
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आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है
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आपके पास विदेश में संपत्ति या बैंक अकाउंट है
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आपने डिजिटल एसेट्स (जैसे क्रिप्टो करेंसी) में निवेश किया है
ITR-2 फॉर्म में हुए 7 महत्वपूर्ण बदलाव
1. एसेट और लायबिलिटी रिपोर्टिंग की सीमा बढ़ी
पहले ITR-2 में 50 लाख रुपये से अधिक की आय वालों को अपनी कुल संपत्ति और देनदारियों (Assets & Liabilities) की जानकारी देना अनिवार्य था। अब यह सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। यानी अब केवल वही टैक्सपेयर्स, जिनकी कुल आय 1 करोड़ से ज्यादा है, उन्हें यह जानकारी देनी होगी।
2. टीडीएस (TDS) सेक्शन की डिटेल जरूरी
नए फॉर्म में टैक्सपेयर्स को यह भी बताना होगा कि उनकी आय पर टीडीएस किस सेक्शन के अंतर्गत काटा गया है। उदाहरण के लिए, 194A (ब्याज), 194C (ठेका) आदि। इससे टैक्स क्रेडिट की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
3. संपत्ति ट्रांसफर की तारीख अनिवार्य
यदि आपने कोई प्रॉपर्टी या अन्य संपत्ति ट्रांसफर की है, तो आपको यह बताना जरूरी होगा कि वह 23 जुलाई 2024 से पहले ट्रांसफर की गई थी या बाद में। इस तारीख का महत्व इसलिए है क्योंकि इसके बाद नए टैक्स नियम लागू हो रहे हैं, जिससे टैक्स की गणना में फर्क पड़ेगा।
4. शेयर बायबैक पर हुए नुकसान की जानकारी देनी होगी
अगर आपने किसी कंपनी द्वारा किए गए शेयर बायबैक में हिस्सा लिया और नुकसान उठाया है, तो अब आपको उस नुकसान के साथ-साथ मिली डिविडेंड इनकम की जानकारी भी देनी होगी। इससे नुकसान को एडजस्ट करने की सुविधा मिल सकती है।
5. विदेशी संपत्तियों (Foreign Assets) की विस्तृत रिपोर्टिंग
जिन टैक्सपेयर्स के पास विदेश में संपत्ति है, उन्हें Foreign Assets (FA), Foreign Source Income (FSI) और अन्य संबंधित विवरण अब और स्पष्ट रूप में फॉर्म में भरने होंगे। इससे कालेधन पर रोक लगाने की सरकारी कोशिशों को मजबूती मिलेगी।
6. डिजिटल एसेट्स (VDA) की जानकारी अनिवार्य
क्रिप्टोकरेंसी या अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) में किए गए निवेश की जानकारी भी नए फॉर्म में देना आवश्यक है। इसकी रिपोर्टिंग का नया सेक्शन जोड़ा गया है ताकि टैक्स नियमों के अनुसार इनकम डिक्लेयर की जा सके।
7. एडवांस टैक्स और टैक्स डिडक्शन की नई प्रविष्टियां
नए फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अपने द्वारा चुकाए गए एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स, और टैक्स डिडक्शन (TDS/TCS) की अधिक विस्तृत जानकारी भरनी होगी। इससे आईटीआर प्रोसेसिंग और रिफंड में कम समय लगेगा।
आईटीआर-2 भरने से पहले ध्यान रखें ये बातें
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सभी दस्तावेज तैयार रखें: फॉर्म भरने से पहले पेन कार्ड, आधार, फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, कैपिटल गेन स्टेटमेंट आदि दस्तावेज तैयार रखें।
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AIS और TIS रिपोर्ट देखें: आयकर विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध Annual Information Statement और Taxpayer Information Summary को देखकर अपनी आय की जानकारी मैच करें।
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सही सेक्शन चुनें: गलत सेक्शन में आय दिखाने से टैक्स नोटिस आ सकता है।
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ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य: आईटीआर भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन 30 दिन के भीतर करना जरूरी है।
आईटीआर भरने का तरीका
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https://www.incometax.gov.in वेबसाइट पर लॉग इन करें
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"e-File" टैब पर जाएं और "Income Tax Return" चुनें
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असेसमेंट ईयर और फॉर्म ITR-2 सेलेक्ट करें
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मांगी गई जानकारियां भरें और डॉक्युमेंट अपलोड करें
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अंतिम चरण में ITR सबमिट करें और ई-वेरिफिकेशन करें
निष्कर्ष
ITR-2 फॉर्म में किए गए ये बदलाव खासकर उन टैक्सपेयर्स के लिए अहम हैं जिनकी आय एक से अधिक स्रोतों से आती है और जिनकी कमाई 50 लाख रुपये से अधिक है। नए नियम टैक्स पारदर्शिता और आसान प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं। अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न ITR-2 फॉर्म से भरते हैं तो इन सभी बदलावों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है, वरना बाद में आयकर विभाग की तरफ से नोटिस आ सकता है।
सुझाव: यदि आप टैक्स फाइलिंग स्वयं नहीं कर सकते, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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