हर साल की तरह जुलाई का महीना आते ही टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय शुरू हो जाता है। इस बार सरकार ने टैक्स फाइलिंग की डेडलाइन को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप ITR में गलत जानकारी भरते हैं, चाहे वो जानबूझकर हो या गलती से, तो आयकर विभाग आपके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है—यहाँ तक कि जेल भी हो सकती है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे:
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ITR में गलत जानकारी देने पर क्या कार्रवाई होती है?
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किस-किस तरह की गलतियों से बचना जरूरी है?
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कैसे करें रिवाइज्ड रिटर्न?
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क्या कहता है आयकर अधिनियम 1961?
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जेल से कैसे बचें? टैक्स एक्सपर्ट की सलाह क्या है?
🔷 ITR क्यों है जरूरी?
अगर आपकी सालाना आय टैक्स योग्य सीमा से ऊपर है (वर्तमान में ₹2.5 लाख या उससे अधिक), तो आपके लिए ITR फाइल करना कानूनी रूप से अनिवार्य है। ITR न केवल आपके कर दायित्वों को दर्शाता है, बल्कि ये आपके फाइनेंशियल ट्रैक रिकॉर्ड का हिस्सा भी बनता है—जैसे लोन लेने, वीज़ा एप्लिकेशन या बड़े निवेश के समय इसकी जरूरत पड़ती है।
🔷 जानबूझकर या गलती से? – फर्क है लेकिन जिम्मेदारी आपकी
बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर गलती से ITR में कोई जानकारी छूट गई या गलत हो गई, तो कोई बड़ी बात नहीं। लेकिन आयकर विभाग की नजरों में यह काफी गंभीर हो सकता है, खासकर जब इनकम और खर्च में बड़ा अंतर हो।
उदाहरण:
अगर आपने म्यूचुअल फंड, शेयर मार्केट या क्रिप्टोकरेंसी से कमाई की है और उसे ITR में नहीं दिखाया, तो विभाग को शक हो सकता है कि आपने जानबूझकर टैक्स चोरी की है।
🔷 किन गलतियों से बचना जरूरी है?
आयकर अधिनियम के अनुसार, ITR फाइल करते समय निम्नलिखित गलतियाँ गंभीर अपराध मानी जाती हैं:
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इनकम छिपाना:
सैलरी, ब्याज, किराया, बिजनेस, कैपिटल गेन या क्रिप्टो इनकम को न दिखाना। -
गलत डिडक्शन क्लेम करना:
जैसे कि धारा 80C, 80D के तहत गलत या फर्जी निवेश दिखाना। -
फर्जी दस्तावेज़ देना:
झूठे मेडिकल बिल्स, रेंट एग्रीमेंट, या टैक्स सर्टिफिकेट लगाना। -
असंगत ट्रांजेक्शन:
हाई-वैल्यू खर्च या निवेश (₹10 लाख से ज्यादा) जो आपके आय से मेल न खाए।
🔷 क्या है दंड का प्रावधान?
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276C में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों के लिए कड़ी सजा है:
गलती का प्रकार | सजा |
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जानबूझकर टैक्स चोरी ₹1 लाख से कम | 3 महीने से लेकर 2 साल तक की जेल + जुर्माना |
टैक्स चोरी ₹1 लाख से अधिक | 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल + जुर्माना |
जानबूझकर झूठे दस्तावेज़ देना | जेल + 200% तक जुर्माना |
🔷 रिवाइज्ड रिटर्न: गलती सुधारे, डरें नहीं
अगर आपसे ITR में कोई चूक हो गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आयकर विभाग आपको एक दूसरा मौका देता है – जिसे कहते हैं रिवाइज्ड रिटर्न।
रिवाइज्ड रिटर्न क्या है?
यह एक करदाता द्वारा दायर किया गया दूसरा ITR होता है, जिसमें पहले की गई गलती को ठीक किया जा सकता है।
इसे कब तक फाइल कर सकते हैं?
आयकर नियमों के अनुसार, 31 दिसंबर 2025 तक आप रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं, बशर्ते आपका ओरिजिनल रिटर्न टाइम पर फाइल हुआ हो।
कैसे फाइल करें?
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आयकर पोर्टल पर जाएं (https://incometax.gov.in)
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लॉग इन करें और “e-File” > “Income Tax Return” > “File Revised Return” पर क्लिक करें
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acknowledgment number डालें
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सही जानकारी भरें और रिवाइज्ड ITR फाइल करें
🔷 क्या कहता है विभाग? – नोटिस आने पर क्या करें?
अगर आपने गलती कर दी है और विभाग की ओर से आपको नोटिस आया है, तो घबराएं नहीं। निम्नलिखित उपाय अपनाएं:
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नोटिस का जवाब जरूर दें – अनदेखी न करें
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सही जानकारी पेश करें – पुरानी रसीदें, बैंक स्टेटमेंट, इनकम प्रूफ तैयार रखें
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अगर गलती है, तो स्वीकार करें – जानबूझकर नहीं की गई हो, यह बताएं
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सीए या टैक्स एडवाइज़र से सलाह लें – प्रक्रिया में मदद मिलती है
🔷 टैक्स एक्सपर्ट्स की सलाह: ये सावधानियाँ रखें
"टैक्स फाइलिंग की आखिरी तारीख का इंतज़ार करना सबसे बड़ी गलती होती है।" – वरिष्ठ टैक्स सलाहकार
जरूरी सावधानियाँ:
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अपनी सारी इनकम की लिस्ट बनाएं
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फॉर्म 26AS और AIS रिपोर्ट जरूर चेक करें
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सभी डिडक्शन और छूट सही-सही भरें
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फर्जी दस्तावेज़ का बिल्कुल इस्तेमाल न करें
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किसी पेशेवर टैक्स कंसल्टेंट से रिटर्न चेक करवा लें
🔷 कुछ जरूरी टूल्स जो मदद करेंगे:
टूल | काम |
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AIS रिपोर्ट | आपकी सारी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन रिपोर्ट |
Form 26AS | टीडीएस, टैक्स भुगतान की जानकारी |
इनकम टैक्स पोर्टल | ऑनलाइन ITR फाइलिंग |
CA/टैक्स कंसल्टेंट | गाइडेंस और सही फाइलिंग |
🔷 ITR फाइलिंग करते समय रखें ये चेकलिस्ट
✅ सैलरी स्लिप
✅ बैंक स्टेटमेंट
✅ निवेश की जानकारी
✅ फॉर्म 16/16A
✅ पैन, आधार, मोबाइल लिंक
✅ टीडीएस डिटेल
✅ अन्य इनकम जैसे FD, किराया आदि
🔷 निष्कर्ष: ईमानदारी ही है बचाव
ITR फाइलिंग एक कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी है। अगर आप सही जानकारी देंगे, सही समय पर रिटर्न भरेंगे, और गलत डिडक्शन से बचेंगे, तो आयकर विभाग से डरने की जरूरत नहीं है।
गलती हो गई है? तो डरिए मत—रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कीजिए।
जानबूझकर छुपाई है जानकारी? तो संभल जाइए—क्योंकि टैक्स विभाग का निगरानी सिस्टम आज बेहद मजबूत है और कानूनी कार्रवाई से बच पाना मुश्किल है।
📌 FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: क्या गलती से इनकम छूट जाने पर भी सजा मिलती है?
अगर गलती साबित होती है और आपने सुधार कर लिया, तो जेल नहीं होती।
Q2: रिवाइज्ड रिटर्न कितनी बार फाइल किया जा सकता है?
जब तक समय सीमा है, तब तक कई बार फाइल कर सकते हैं।
Q3: क्या छोटे इन्वेस्टमेंट (जैसे ₹5,000 म्यूचुअल फंड में) भी बताने होते हैं?
हां, हर टैक्स योग्य इनकम या निवेश बताना चाहिए।
Q4: ITR में क्या-क्या जानकारी देना जरूरी है?
सैलरी, अन्य इनकम, डिडक्शन, निवेश, बैंक अकाउंट, टीडीएस, क्रिप्टो/स्टॉक गेन आदि।
📣 अंतिम संदेश:
इस बार ITR भरने से पहले खुद से एक सवाल जरूर पूछिए:
"क्या मैंने ईमानदारी से हर जानकारी दी है?"
क्योंकि एक छोटी सी गलती भी बड़ा नुकसान कर सकती है – ना सिर्फ पैसे का, बल्कि आपकी प्रतिष्ठा और भविष्य की प्लानिंग का भी।
सही ITR = सुरक्षित भविष्य
इस स्लोगन को याद रखिए और बिना देर किए ईमानदारी से रिटर्न फाइल कीजिए।
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