Delhi Property Tax : प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए MCD का बड़ा फैसला, अब आएंगी निजी कंपनियां मैदान में
दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स (Property Tax) को लेकर एक बड़ा और अहम कदम उठाया गया है। नगर निगम (MCD) ने टैक्स वसूली को तेज़ और पारदर्शी बनाने के लिए अब निजी कंपनियों की मदद लेने का फैसला किया है। इसके लिए विभाग ने टेंडर जारी कर दिए हैं और जल्द ही कंपनियों का चयन भी कर लिया जाएगा। इस फैसले के बाद दिल्ली में संपत्ति कर व्यवस्था में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इस कदम से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि उन लोगों पर भी लगाम लगेगी जो अब तक टैक्स चोरी कर रहे थे या टैक्स देने से बच रहे थे। आइए विस्तार से समझते हैं कि एमसीडी का यह नया मॉडल क्या है, कैसे काम करेगा और दिल्ली के लोगों पर इसका क्या असर होगा। प्रॉपर्टी टैक्स क्यों है ज़रूरी? सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि प्रॉपर्टी टैक्स क्यों लिया जाता है और इसका उपयोग कहाँ किया जाता है। प्रॉपर्टी टैक्स किसी भी नगर निगम या शहरी निकाय की आय का सबसे बड़ा स्रोत होता है। इसी टैक्स से स्थानीय निकाय शहर में सड़कें बनाते हैं, नालियां साफ करते हैं, पार्क विकसित करते हैं, स्ट्रीट लाइट लगाते हैं, सीवर लाइन बिछाते हैं और कचरा प्रबंधन जैसी सेवाओं को बेहतर करते ...